बाल कविता: अम्मा हमने कार खरीदी

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

शुक्रवार, 23 मई 2025 (15:10 IST)
अम्मा हमने कार खरीदी
यह तो बहुत काम की होती,
मत कहना बेकार खरीदी।
 
वर्षा जब होती है झम झम,
हम इससे ही शाला जाते।
पिंटू चिंटू किट्टी पिट्टी,
इन सबको बैठा ले जाते।
कार नहीं थी, मुश्किल से ही,
हां अम्मा इस बार खरीदी।
 
होती भीड़ सड़क पर तो हम,
पों-पों-पों पों, हार्न बजाते।
जहां जगह मिलती खाली तो,
कार वहां सरपट दौड़ाते।
पैसे नहीं जुड़े थे पूरे,
इससे कार उधार खरीदी।
 
वर्षा, गर्मी, सर्दी सारे,
समय काम यह वाहन देता।
हर मौसम में हमें सुरक्षित,
मंजिल तक झट पहुंचा देता।
आज समय की मांग यही है,
कार बड़ी दमदार खरीदी।
 
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