बहुत दिनों से सोच रहा हूं,
मन में कब से लगी लगन है।
आज बताओ हमें पिताजी,
कैसे होता सूर्य ग्रहण है।
कहा पिताजी ने प्रिय बेटे,
तुम्हें पड़ेगा पता लगाना।
तुम्हें ढूंढ़ना है सूरज के,
चंद्र ग्रहण यह कहलाता है।
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