बाल गीत : बच्चों को जब गुस्सा आया

जाड़ा आया, जाड़ा आया
शीतल पवन साथ में लाया। 


 
गद्दा उठा अभी बिस्तर से,
फिर रजाई से हाथ मिलाया। 
 
चाय पिलाई अदरक वाली,
केसर वाला दूध पिलाया। 
 
छुपा रखा था पेटी भीतर,
निकला स्वेटर बाहर आया। 
 
धोकर और सुखाकर मां ने,
छुन्नू-मुन्नू को पहनाया। 
 
शीत लहर जब चली भयानक,
पापा ने हीटर जलवाया। 
 
सी-सी करते दादाजी ने,
दादी से टोपा मंगवाया। 
 
इस पर घर के सब बच्चों को,
बड़ों-बड़ों पर गुस्सा आया। 
 
डांट-डांट कर सभी बड़ों को,
बिस्तर के भीतर घुसवाया। 
 

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