ग्रीष्म ऋतु पर कविता : कैसे-कैसे खेल लाई गर्मी

- सुषमा दुबे
 
आई आई गर्मी आई
आई आई गर्मी आई
कैसे-कैसे खेल लाई।
 
आओ चुन्नी खेलें खेल
सोनू क्या तुम कंचे लाई
आई आई गर्मी आई।
 
बबलू आओ हम छुप जाएं
रानी तुम ढूंढोगी हमको
कजरी देखो वहां न जाओ
मुन्नी तुम तो देर से आई
आई आई गर्मी आई।
 
मोनू इतनी दूर खड़े क्यों
आओ तुम भी संग में खेलो
गुड़िया का हम ब्याह रचाएं
देखो आशु गुड्डा लाई
आई आई गर्मी आई।
 
शैलू बल्ले से तुम ले लो
नन्नू जाओ पकड़ो इसको
देखो रानू क्या-क्या लाई
आई आई गर्मी आई।
 
साभार- देवपुत्र
 

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