उन्होंने बच्चों से विनोद करना प्रारंभ कर दिया। दूर बैठा एक छोटा विद्यार्थी बीच में कुछ बोल उठा। इस पर शिक्षक ने उसे घूर कर देखा, तो बच्चा सहम कर चुप हो गया। गांधीजी यह सब देख रहे थे। वे उठे और उस बालक के पास जाकर खड़े हो गए।
गांधीजी- 'जरूर पहनूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त हैं। मैं अकेला नहीं हूं।'
बालक- 'तो आप कितने आदमी हो? मां से मैं दो कुर्ते सिलने को कहूंगा'।