बच्चों का मानसिक विकास कहानियां, चित्रकथाएं पढ़ने और पहेलियां सुलझाने के साथ ही माता-पिता और शिक्षकों से बेझिझक बातचीत करने से बढ़ता है। भारत में प्राचीनकाल से ही बच्चों के लिए कथा और कहानियों की कई पुस्तक लिखी गई। उन्हीं में से ऐक है हितोपदेश। आओ जानते हैं इस पुस्तक के बारे में।
हितोपदेश ( hitopadesha ) :
1. भारत में रचित विश्वप्रसिद्ध किताब हितोपदेश का नाम सभी ने सुना होगा। भारतीय जनमानस और परिवेश से ओतप्रोत इस किताब में उपदेशात्मक कहानियां हैं।
2. विभिन्न पशु-पक्षियों पर आधारित कहानियां इसकी खास विशेषता हैं।
3. हितोपदेश की सभी कथाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
8. हितोपदेश की कथाओं के 4 भाग- मित्रलाभ, सुहृद्भेद, विग्रह और संधि हैं। इन 4 भागों में विभिन्न प्रकार के नीति ग्रंथों का सार समाया हुआ है।
9. हितोपदेश में कुल 41 कथाएं और 679 नीति-विषयक पद्य हैं।
10. हितोपदेश की कथाओं में अर्बुदाचल (आबू) पाटलीपुत्र, उज्जयिनी, मालवा, हस्तिनापुर, कान्यकुब्ज (कन्नौज), वाराणसी, मगध देश, कलिंग देश आदि स्थानों का उल्लेख है जिसमें रचयिता तथा रचना की उद्गम भूमि इन्हीं स्थानों से प्रभावित है।