वो मक्खन गोल पेढ़े की शकल मे बना हुआ था और हर पेढ़े का वज़न एक किलो था..
शहर में किसान ने उस मक्खन को हमेशा की तरह एक दुकानदार को बेच दिया,और दुकानदार से चायपत्ती,चीनी,तेल और साबुन बगैरह खरीदकर वापस अपने गाँव को रवाना हो गया..
उसे खयाल आया के क्यों ना एक पेढ़े का वजन किया जाए, वजन करने पर पेढ़ा सिर्फ 900 ग्राम का निकला, हैरत और निराशा से उसने सारे पेढ़े तोल डाले मगर किसान के लाए हुए सभी पेढ़े 900-900 ग्राम के ही निकले।
Pointers : सीख : जो हम दूसरों को देंगे, वही लौट कर आएगा...
चाहे वो इज्जत, सम्मान हो या फिर धोखा...!!