वह गुलाब अपने रंग-रूप पर बहुत इतराता था। वह हर रोज कैक्टस के रूप को लेकर उसका तिरस्कार करता था, लेकिन कैक्टस बहुत ही शांत स्वभाव का था, वह हमेशा चुप ही रहता था। उस बड़े-से बगीचे के दूसरे सभी पौधों ने गुलाब को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन उसे अपनी सुंदरता पर बहुत ही घमंड था।
एक बार गर्मी के मौसम में बगीचे के मौजूद कुआं सूख गया। तब पौधों को देने के लिए पानी बिलकुल भी नहीं बचा था। अब पानी न मिलने से गुलाब Rose Story दिन-प्रतिदिन मुरझाने लगा। तभी उसकी नजर एक चिड़िया पर पड़ी, जो कैक्टस में अपनी चोंच डालकर पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रही थी। अब गुलाब को अपने इतराने पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, उसने फिर भी हिम्मत करके धीमी आवाज में कैक्टस से थोड़े से पानी के लिए पूछा।
कैक्टस दयालु, शांत और मिलनसार था, उसने तुरंत ही गुलाब की बात मान ली और फिर दोनों ने एक अच्छे दोस्त बनकर तपती गर्मी की इस कठिन परिस्थिति का मिलकर सामना किया, फिर बारिश का मौसम आ गया और कुआं फिर पानी से भर गया। अब गुलाब को न अपनी सुंदरता पर घमंड था और ना ही अब वह कैक्टस का तिरस्कार कर रहा था। यह देख बगीचे के बाकी पौधे में खुशहाली छा गई और सभी राजी-खुशी एक-दूसरे का ध्यान रखने लगे।