मां गंभीर हो उठी। बोली- बेटी! सिर्फ भाइयों को ही नहीं, हम अपने किसी भी प्रिय व्यक्ति को राखी का धागा बांध सकते हैं। भाई, पिता, गुरु, सैनिक, शासक या किसी अन्य को। जिसके भी प्रति हम सम्मान की भावना रखते हैं, उसकी भी समृद्धि और लंबी आयु की कामना अवश्य करते हैं। ये राखी का धागा तो एक-दूसरे को प्रेम संबंधों में बांधे रखने का प्रतीक भर है। असली उद्देश्य तो भावनात्मक लगाव और एक-दूसरे की सुरक्षा-संरक्षा मजबूत बनाए रखने का होता है।