टॉमी की समझदारी का किस्सा

- सतीश नीमा

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बात सितंबर की है। मेरा पैन कॉर्ड गुम हो गया था। मैं तीन दिनों से परेशान था। सारा घर इधर-उधर कर दिया मगर कॉर्ड नहीं मिला। मैं घर के सभी सदस्यों पर अपना गुस्सा उतार रहा था। मेरी ओर रोटी का कौर मिलने की ताक में बैठे टॉमी को भी मैंने डाँट दिया कि यह कुत्ता किसी काम का नहीं!

जाओ और मेरा कार्ड ढूँढ लाओ। आश्चर्य की बात ऐसी कि दस मिनट बाद वह लौटा और उसके मुँह में मेरा खोया हुआ डीमेट कॉर्ड था। हम सब आश्चर्यचकित रह गए। सोचने के बाद यह स्पष्टीकरण ध्यान में आया। कार्ड टेबल पर रखे अखबार के साथ रद्दी के ढेर में चला गया। सुबह जब रद्दी बेची तब कबाड़ी ने अखबार जमाए और उनमें से कार्ड निकलकर बगीचे के दरवाजे पर गिर गया होगा।

मुझे याद आया कि तीन दिन पहले गजक खाते हुए मैंने कार्ड उठाया था। कॉर्ड पर गजक की खुश्बू सूँघकर टॉमी उसे उठाकर अंदर ले आया और संयोग से मैं सामने आ गया। इस संयोग से टॉमी के नाम समझदारी का एक किस्सा दर्ज हो गया।