भविष्य की वाणी जानवरों के पास?

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आखिरकार पॉल बाबा की भविष्यवाणी सही निकली। स्पेनिश टीम के खिलाड़ी विश्व कप ट्रॉफी जीतने में सफल रहे। साउथ अफ्रीका में हुए इस पूरे विश्व कप में पॉल नाम के इस ऑक्टोपास बाबा की खूब चर्चा रही। आखिरी दिनों में मणि नाम का तोता और एक मगरमच्छ भी पॉल से टक्कर लेते नजर आए। वैसे तो भविष्यवाणी कोई भी कर सकता है। आप भी। हर भविष्यवाणी में होने या नहोने की बराबर संभावना रहती है यानी कि 50-50। खास बात यह रही कि पॉल नाम के इस ऑक्टोपस की आठ मैचों की भविष्यवाणियाँ सही निकलीं।

पॉल की भविष्यवाणियों के बारे में तो पता नहीं कि वह किस आधार पर भविष्यवाणियाँ करता था, पर विज्ञान कहता है कि जानवरों में इस तरह की भविष्यवाणियाँ करने की क्षमता पाई जाती है। पुराने समय में बेबीलोन, ग्रीक और रोम सभ्यताओं में भविष्य को जानने के लिए जानवरों की मदद ली जाती थी।

जीव-विज्ञानी बताते हैं कि भविष्य में होने वाली घटना के संकेत पाने के लिए या भविष्य में होने वाली घटनाओं को सूँघ लने के लिए बहुत से जानवरों में संवेदी अंग पाए जाते हैं। इन अंगों की वजह से उन्हें किसी भी बड़ी घटना की सूचना पहले ही मिल जाती है, जैसे साँपों में किसी भी भूकंप और सुनामी जैसे विनाशकारी तूफान के बारे में जानकारी देने की क्षमता होती है।

साँप अपने जबड़े के निचले हिस्से को जमीन से लगाकर धरती से उठने वाली तरंगों और सूक्ष्म हलचल को महसूस कर लेता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्यादातर जानवर पृथ्‍वी से आने वाली तरंगों के आधार पर और हलचल की आवाज को सुनकर ही भविष्य के प्रति सतर्क हो जाने को आगाह करते हैं।

अमेरिका में तो इस तरह की कहावतें कही जाती हैं कि मौसम की सबसे सटीक भविष्यवाणी मौसम विभाग नहीं हेजहॉग करता है।

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इसी तरह 2004 में वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में यह बात सामने रखी थी कि कुत्ते इस बात को बहुत पहले जान लेते हैं कि भविष्य में फलाँ बच्चे में मिरगी की बीमारी होगी। कुत्ते सूँघकर बम का भी पता लगा लेते हैं। कुत्तों की नाक में पाई जाने वाली ऑलफैक्टरी कोशिकाएँ इसके लिए मदद करती हैं। कुत्तों की सूँघने की शक्ति ही नहीं, बल्कि उनकी सुनने की क्षमता भी बहुत तेज होती है। इन दोनों मामलों में वे मनुष्य से दस गुना तेज होते हैं। इन्हीं के आधार पर पता लगा लेते हैं कि अगले पल में क्या होने वाला है?
भूकंप या समुद्री तूफान से पहले कुत्तों का दौड़ लगाना या जोर-जोर से भौंकना आने वाले संकट की सूचना होती है।

जानवर लंबे समय से भविष्यवाणी करते आ रहे हैं। अभी कुछ महीनों पहले टेलीविजन न्यूज चैनल पर ऑस्कर नाम की बिल्ली के बारे में विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया था। ब्रिटेन में ऑस्कर नाम की एक बिल्ली ने एक पूरे नर्सिंग होम की नींद उड़ा दी थी, क्योंकि यह बिल्ली जिस मरीज के बिस्तर के पास बैठी मिलती थी, समझो उसे अल्लाह का बुलावा आने वाला है। बाद में इस अस्पताल के डॉक्टर ने रीडर्स डाइजेस्ट में बिल्ली की भविष्यवाणी के कारण ढूँढते हुए एक लेख लिखा था। इसमें उन्होंने बताया ‍‍कि मरने से पहले व्यक्ति के शरीर के आसपास एक खास किस्म की रासायनिक गंध आने लगती है और शायद यह बिल्ली उसी को सूँघ लेती थी।

तो बात यह है कि जानवरों के पास वे क्षमताएँ हैं कि वे भविष्यवाणी कर सकते हैं। हालाँकि बहुत से मौकों पर जानवरों से भी चूक हुई है, जैसे अरमानी नाम के बंदर ने यह भविष्यवाणी की थी कि पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हिलेरी क्लिंटन जीतेंगी। जर्मनी और अर्जेंटीना के बीच के फुटबॉल मैच में पॉल बाबा के विरुद्ध अर्जेंटीना डॉल्फिन सायको का कहना था ‍कि अर्जेंटीना जीतेगी।

निष्कर्ष यह है कि अगर जानवरी की भविष्यवाणी के पीछे कोई आधार हो तब तो उसकी भविष्यवाणी पर विश्वास किया जा सकता है, पर पॉल बाबा ने जिस तरह से भविष्यवाणी की उसका अभी तक कोई आधार पता नहीं चला है। जानवरों की भविष्यवाणी तर्कसंगत हो तो बात मानी जा सकती है वरना ऑक्टोपस और तोतों के भरोसे भविष्य को छोड़ देना ठीक नहीं।

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