कई युवा ऐसे करियर क्षेत्र की तलाश में रहते हैं जिनके लिए ज्यादा शिक्षा की आवश्यकता न हो। ऐसा ही संभावनाओं वाला क्षेत्र हैं टूल डिजाइनिंग।
भारत में आज तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है। उद्योगों और बड़े-बड़े कारखानों में मशीनों के संचालन और उनके रखरखाव के लिए दक्ष युवाओं की आवश्यकता है।
क्या है टूल डिजाइनिंग- विभिन्न प्रकार के औजारों को आवश्यकतानुसार डिजाइन करना टूल डिजाइन कहलाता है। विनिर्माण उद्योग में टूल डिजाइन का बड़ा महत्व है।
बेरोजगारी के वर्तमान दौर में टूल डिजाइनिंग ऐसा क्षेत्र है जहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद नौकरी की बेहतर संभावनाएं हैं। टूल डिजाइनिंग में ढेरों पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
शैक्षणिक योग्यता- टूल डिजाइनिंग के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए दसवीं कक्षा उत्तीर्ण, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या डिग्री अथसवा आईटीआई का संबंधित क्षेत्र का कोर्स उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
टूल डिजाइन का कोर्स कराने वाले संस्थान हैं- - इंडो-जर्मन टूल रूम औद्योगिक क्षेत्र, सांवेर रोड, इंदौर। - सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टूल डिजाइन, हैदराबाद। - सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टूल डिजाइन, पुणे। - इंडो-जर्मन टूल रूम, अहमदाबाद।