एक नए अध्ययन में कहा गया है कि लोगों के कान कभी भी एक जैसे नहीं होते और 60 साल की उम्र तक इसमें किसी तरह के बदलाव भी नहीं आते।
मध्यप्रदेश के हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानवविज्ञान विभाग की ओर से किए गए एक अध्ययन के मुताबिक लोगों के कान कभी भी एक जैसे नहीं होते और एक ही शख्स के दाएँ और बाएँ कान में भी फर्क होता है।
फॉरेंसिक मानव विज्ञानी रूमा पुरकैत ने कहा कि हमने पाया कि लोगों के कान दूसरों के कान से काफी अलग होते हैं। हमने एक ही शख्स के दाएँ और बाएँ कान में भी फर्क पाया। यह अध्ययन 1000 से ज्यादा लोगों पर किया गया।
रूमा ने बताया कि कान किसी अपराधी की पहचान में मददगार हो सकते हैं क्योंकि अपराध जहाँ हुआ, उस जगह पर हमेशा अँगुलियों के निशान नहीं मिल पाते। ऐसे में एक फॉरेंसिक विशेषज्ञ को अमूमन निगरानी के लिए लगाए गए कैमरे की तस्वीरों पर निर्भर रहना पड़ता है। (भाषा)