खगोल वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में अब तक के सबसे विशाल जलाशय की खोज करने का दावा किया है लेकिन यह जलाशय इतनी अधिक दूरी पर है कि यहां पहुंच पाना असंभव है।
कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक पानी का यह विशाल भंडार क्वासार में इतनी दूरी पर है जितना 30 अरब को 10 खरब से गुना करने पर होता है। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक बेशक इसकी दूरी बहुत ज्यादा है लेकिन यहां मौजूद पानी के वाष्प का द्रव्यमान पृथ्वी पर मौजूद पानी से 140 ट्रिलियन गुना (एक ट्रलियन 10 खरब के बराबर होता है) ज्यादा है।
इतना ही नहीं इसका आकार सूर्य के आकार से एक लाख गुना ज्यादा विशाल है। क्वासार ब्रह्मांड में सबसे प्रचंड और चमकीला पिंड है। खगोलविदों ने कहा कि चूंकि क्वासार पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर है इसलिए इसका प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने में 12 अरब साल का समय लेता है जबकि पृथ्वी मात्र 1.6 अरब साल पुरानी है।
इस दल के प्रमुख मैट ब्रैडफोर्ड ने कहा कि इस क्वासर के चारों ओर वातावरण अद्वितीय है जिसमें जल की बहुत बड़ी मात्रा पैदा होती है। यह इस बात का एक और उदाहरण है कि जल पूरे ब्रह्मांड में फैला हुआ है, तब से ही जब हमारी पृथ्वी की पैदाइश भी नहीं हुई थी।
ब्रैडफोर्ड ने कहा कि खगोलविद ब्लैकहोल में मौजूद एक खास तरह के क्वासार पर अध्ययन कर रहे थे। यह क्वासार सूर्य से 20 अरब गुना ज्यादा बड़ा है और सूर्य से एक हजार गुना ज्यादा ऊर्जा बनाता है। इसी क्रम में खगोलविदों को जलवाष्प मिलने की उम्मीद थी और जल की खोज अपने आप में कोई बहुत बड़ा आश्चर्य नहीं है।
इस शोध के नतीजों को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स के आगामी अंक में छापा जाएगा। इस दल ने कहा कि मिल्की वे आकाशगंगा पर भी जलवाष्प मौजूद है लेकिन इसकी मात्रा क्वासार से चार हजार गुना कम है। मिल्की वे में जल ज्यादातर बर्फ के रूप में है। (भाषा)