गणित के जटिल प्रश्नों का हल निकालने में बड़े-बड़े धुरंधरों के भले ही पसीने छूट जाते हों लेकिन एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि नन्हीं सी चीटियाँ उन जटिल समस्याओं का हल निकाल सकती हैं और बेहतर सॉफ्टवेयर विकसित करने में कंप्यूटर वैज्ञानिकों की मदद भी कर सकती हैं।
‘जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायलॉजी’ के अनुसार एक अंतरराष्ट्रीय दल ने पाया है कि चीटियाँ गणित की जटिल पहेलियों का हल निकालने में सक्षम हैं। चीटियाँ उन समस्याओं को भी हल करने में सक्षम हैं जो इक्की-दुक्की कंप्यूटर कलन विधियाँ (एल्गोरिदम) कर सकती हैं।
एक नवीन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने इस बात का परीक्षण किया किया और गणित की जटिल पहेली टावर्स आफ हनोई को भूलभुलैया में तब्दील कर यह देखने की कोशिश की कि क्या चीटियां डाइनेमिक ऑप्टिमाइजेशन प्राब्लम का हल निकाल सकती हैं।
सिडनी विश्वविद्यालय के अग्रणी शोधकर्ता क्रिस रीड ने कहा, ‘प्रकृति से प्रेरित कंप्यूटर कलन विधियाँ यद्यपि अक्सर असली संसार का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं क्योंकि वे स्थिर और एक तरह की समस्याओं का हल निकालने के लिए डिजाइन्ड होती हैं।’
रीड ने कहा, ‘हालाँकि प्रकृति अप्रत्याशित बातों से भरी पड़ी है और एक हल सारी समस्याओं के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। इसलिए हमने इस बात को देखने के लिए चीटियों का रुख किया कि बदलाव के प्रति समस्या का हल निकालने का उनका कौशल कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।’
वैज्ञानिकों ने टावर्स ऑफ हनोई पहेली का तीन रॉड और तीन डिस्क संस्करण का इस्तेमाल कर चींटियों की जाँच करने की कोशिश की। इस पहेली के तहत खिलाड़ियों को डिस्क को रॉड के बीच बढ़ाना होता है। इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना होता है और कुछ संभावित कदमों का इस्तेमाल करना होता है।
चींटियाँ डिस्क को इधर-उधर नहीं कर सकतीं इसलिए उन्होंने पहेली को एक भूलभुलैया में तब्दील कर दिया। इसमें सबसे छोटा पथ हल के सदृश होता है।
चींटियाँ दूसरे छोर पर खाद्य स्रोत को हासिल करने के लिए भूलभुलैया के प्रवेश बिंदु पर 32 हजार 768 संभावित मार्गों को चुन सकती हैं। सिर्फ दो पथ सबसे छोटे पथ होते हैं इसलिए यह सर्वश्रेष्ठ हल है। (भाषा)