'माइग्रेन' का दोषी 'फीमेल क्रोमोसोम'

गुरुवार, 5 जुलाई 2012 (15:10 IST)
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माइग्रेन के कारणों के लिए जिम्मेदार एक ‘फीमेल’ जीन को खोज लिया है। ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों का मानना है कि एक शोध द्वारा वे यह साबित कर सकते हैं कि महिलाओं को इस कमजोर कर देने वाले सिरदर्द का सामना अधिक क्यों करना पड़ता है?

ग्रिफ्थ विश्वविद्यालय की लिन ग्रिफिथ्स के नेतृत्व वाली टीम को ‘एक्स क्रोमोसोम’ में माइग्रेन से जुड़ी एक नयी जगह मिली, जहां उन्हें इस जीन के माइग्रेन से जुड़े होने के कारण पता चले। उनका यह भी मानना है कि यह जीन मस्तिष्क की खूबियों को बढ़ाने में आयरन के नियमन में भी शामिल रहता है।

डेली मेल को दिए गए प्रोफेसर ग्रिफिथ्स के बयान के अनुसार यह परिणाम एक्स क्रोमोसोम के माइग्रेन के लिए जिम्मेदार होने में और ज्यादा मदद करता है और महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा होने के कारणों को भी स्पष्ट करता है।

शोधकर्ताओं ने यह आनुवांशिक अध्ययन ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड के बीच स्थित सुदूर नॉरफॉक आइलैंड के 300 निवासियों पर किया। प्रोफेसर ग्रिफिथ्स के अनुसार इस समय कुल जनसंख्या में से लगभग 12 प्रतिशत लोग माइग्रेन से जूझ रहे हैं।

उनके अनुसार हालांकि इस बीमारी के इलाज के लिए कई अच्छी दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन निश्चित ही वे हर किसी के लिये उपयुक्त नहीं हैं जिसके कारण उनके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। बहरहाल, माइग्रेन के इलाज के लिये नयी दवाइयां विकसित करने की वाकई बहुत आवश्यकता है। (भाषा)

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