लखीमपुर खीरी कांड कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। लखीमपुर जाते समय पहले प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किया गया, गिरफ्तारी के बाद सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ता उतर आए। प्रियंका लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित परिवारों से मिलने की जिद्द पर अड़ी थीं, शासन-प्रशासन उन्हें रोक रहा था। प्रियंका की हठ के आगे लखीमपुर के प्रशासन को झुकना पड़ा। अब नवजोत सिंह सिद्धू ने लखीमपुर कांड के पीड़ितों को न्याय न मिलने तक अनशन की घोषणा कर दी है।
इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसानों की पीठ के पीछे तेज रफ्तार से गाड़ी चढ़ाई गई है, जो मानवाधिकार का हनन है, किसानों की इस पवित्र लड़ाई में किसी नेता की भी आहूति होनी चाहिए, ताकि उन्हें लगे कि उनको न्याय दिलाने में कोई साथ है।
मैं अपने वचन का पक्का हूं। मैं दोहरी बात नही करता, संविधान में सबको समान अधिकार है, गरीब के लिए कुछ और अमीर के लिए कुछ और किसानों के लिए कुछ और, ऐसा नहीं है। किसान का बेटा होने के नाते मैं उनके इस सत्याग्रह में साथ हूं।
लखीमपुर में नवजोत सिंह सिद्धू ने वचन का पक्का होने की बात कहते हुए मीडिया को बयान दिया कि जब तक अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक मैं यहां अनशन और भूख हड़ताल पर बैठूंगा। इसके बाद मैं मौन हूं और कोई बात नहीं करूंगा। अब सिद्धू मृतक पत्रकार रमन कश्यप के घर पर डेरा डाल चुके हैं, अनशन पर बैठ गए हैं।