धनु और मीन का स्वामी गुरु कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में गुरु बलवान और सातवें, दसवें भाव में मंदा होता है। बुध और शुक्र के साथ या इनकी राशियों में बृहस्पति बुरा फल देता है। लेकिन यहां नौवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और उपाय करें, जानिए।
नौवां घर बृहस्पति से विशेष रूप से प्रभावित होता है। इसलिए जातक अपनी जुबान का पाक्का और दीर्घायु होगा। इस भाव वाला जातक प्रसिद्ध है और अमीर परिवार में पैदा होगा। उसके बच्चे बडे अच्छे होंगे। यदि बृहस्पति नीच का हो तो जातक में उपरोक्त गुण नहीं होंगे और वह नास्तिक होगा। यदि बृहस्पति का शत्रु ग्रह पहले, पांचवें या चौथे भाव में हो तो बृहस्पति बुरे परिणाम देगा।
4. कुत्ता न पालें लेकिन समस्या होने पर कुत्ते को भोजन कराएं।
5. धर्म विरुद्ध आचरण बर्बादी का कारण बन सकता है।