धनु और मीन का स्वामी गुरु कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में गुरु बलवान और सातवें, दसवें भाव में मंदा होता है। बुध और शुक्र के साथ या इनकी राशियों में बृहस्पति बुरा फल देता है। लेकिन यहां ग्यारहवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और उपाय करें, जानिए।
इस भाव में बृहस्पति अपने शत्रु ग्रहों बुध, शुक्र और राहु से संबंधित चीजों और रिश्तेदारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति की पत्नी, बहन, बेटी और बुआ दुखी रह सकती हैं। बुध सही स्थिति में हो तो भी जातक कर्जदार होता है। संयुक्त परिवार में रहकर ही जातक सुखी रह सकता है।