चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां पांचवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : पाताल का पानी। ममतामयी माता। शिक्षा में अड़चनें हो सकती है। सरकारी कामों में लाभ मिलेगा। इस भाव पर सूर्य और केतु प्रभाव भी रहेगा। यदि केतु सही स्थान पर बैठा है और फायदेमंद है तो जातक के पांच पुत्र होंगे चाहे चंद्रमा किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव में ही क्यों न हो। जातक हमेशा सही तरीके से पैसा कमाने की कोशिश करेगा। वह व्यापार में तो अच्छा नहीं कर पाएगा लेकिन निश्चित रूप से सरकार की ओर से सम्मान और सहयोग प्राप्त करेगा। जातक दूसरों के कल्याण के लिए अनेक उपाय करेगा लेकिन दूसरे उसके लिए अच्छा नहीं करेंगे।
3. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
4. माता और पिता का अपमान न करें।
5. अन्य की सलाह मानकर अधिक काम नहीं करने चाहिए।