सिर्फ 5 उपाय से शनि हो जाएंगे प्रसन्न, साढ़े साती और ढैय्या से डरना छोड़ें

ऐसा कई लोग हैं जो कि भगवान शनि के दंड से डरते हैं। कहते हैं कि भगवान शनिदेव किसी को भी नहीं छोड़ते हैं क्योंकि वे न्याय के देवता है। वे प्रत्येक व्यक्ति के बुरे कर्मों का उस दंड देते ही हैं, लेकिन यदि आपने पांच काम किए तो शनिदेव आप पर सदा प्रसन्न रहेंगे और आप उनके दंड से बच भी जाएंगे। आओ जानते हैं कि कौन से हैं वह पांच कार्य।
 
 
1.शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या कुंडली में शनि नीच का होकर बुरे फल दे रहा है तो घर में एक मिट्टी के पात्र में शहद रखना चाहिए और मंदिर में शहद का दान करना चाहिए। इससे शनि के बुरे फल मिलना बंद हो जाएंगे। घर में शहद रखने और खाने से शनि शांत रहता है। नोट- शहद की प्रकृति गर्म होती है, इसलिए गर्म तासीर के लोगों को इसके अत्यधिक प्रयोग से बचना चाहिए।
 
 
2.कभी भी किसी के लिए झूठी गवाही ना दें, ब्याज का धंधा ना करें, शराब ना पीएं, जुआ-सट्टा खेलना, ईश्वर के खिलाफ होना, धर्म का मजाक बनाना या उड़ाना, धर्म का अपमान नहीं करें, पराई स्त्री पर नजर ना रखें। किसी अंधे, गरीब, अपंग, मेहतर, सफाईकर्मी, मोची, पशु, कुत्ते, सांप, भैंस और कौए को ना सताएं। इसके अलावा चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान ना करें। घर की वायव्य दिशा गंदी ना रखें।  बाल, दांत, आंत और आंखों को साफ रखें। तहखाने की कैद हवा को मुक्त ना करें। नीले और काले कपड़े ना पहनें।
 
 
3.प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में तिल के तेल का दीया जलाएं। शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें।
 
 
4.मंदिर में चार तरह का दान करें- छायादान, जूता दान, अन्न दान और काले तिल या उड़द का दान। छायादान करें, अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं। कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
 
 
5.सर्वप्रथम शनि ग्रह के स्वामी भगवान भैरव से माफी मांगते हुए उनकी उपासना करें। किसी भी भैरव मंदिर में जाकर शराब या दूध चढ़ाएं। शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं। लेकिन आपको कुछ भी एक काम ही करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि सभी भगवान को साधने लगे। यह अकाट्य सत्य है कि जो हनुमानजी की शरण में रहता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
 

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