मकर और कुंभ का स्वामी शनि तुला में उच्च, मेष में नीच का होता है। लाल किताब में आठवें भाव में शनि बली और ग्यारहवां भाव पक्का घर है। सूर्य, चंद्र और मंगल की राशियों में शनि बुरा फल देता है। लेकिन यहां पांचवां घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
यह भाव सूर्य का घर होता है जो शनि का शत्रु ग्रह है। जातक घमंडी हो सकता है। यदि जातक के शरीर में बाल अधिक हैं तो जातक बेईमान हो सकता है। यदि जातक 48 साल की उम्र तक अपने खुद के घर का निर्माण नहीं करता है तो पुत्र को कठिनाइयां नहीं होगी। उसे अपने पिता या पुत्र के बनवाए मकान में ही रहना चाहिए। जातक को अपने पैतृक घर में बृहस्पति और मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं रखनी चाहिए, इससे उसके बच्चों का भला होता है।
2. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
3. कहीं पर नीम का एक पेड़ लगाएं।
4. कुत्तों को प्रतिदिन रोटी खलाएं।