धन, ऐश्वर्य, कला, संगीत और सुख सुविधाओं को प्रदान करने वाला ग्रह शुक्र यदि कुंडली में नीच का होकर बैठा है या शत्रु ग्रहों के संयोग से मंदा हो रहा है तो यह कई तरह के रोग उत्पन्न कर सकता है। यह गुर्दे, अंतड़ियां, त्वचा, पांव के रोग के साथ ही कामेच्छा को समाप्त कर देता है। यह नसें कमजोर कर देता है। विवाह होने में या वैवाहिक जीवन में यह रुकावटें पैदा करता है।