अब मोबाइल रीचार्ज पर पूरा टॉक टाइम

सोमवार, 1 सितम्बर 2008 (23:29 IST)
प्रीपेड मोबाइल ग्राहक के लिए खुशखबरी है कि ट्राई ने सोमवार को दूरसंचार परिचालकों से टॉप-अप कार्ड पर प्रोसेसिंग शुल्क खत्म करने को कहा है, जिससे इन रीचार्ज पर पूरा टाक टाइम मिलेगा।

ट्राई ने कहा कि अब उपभोक्ताओं को सिर्फ प्रशासनिक शुल्क जो दो रुपए से अधिक नहीं होगा और अन्य कर अदा करने पड़ेंगे। नियामक ने कहा कि ट्राई की जानकारी में यह बात लाई गई है कि दूरसंचार कंपनियाँ उन ग्राहकों के रीचार्ज पर भी एक निश्चित राशि काट रही हैं, जिनके पास वैलिडिटी है।

ऐसे ग्राहकों ने पहले ही निश्चित शुल्क अदा कर वैलिडिटी प्राप्त कर ली है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार को लगा कि एक बार विशिष्ट टॉप-अप के जरिए टाक टाइम खरीदने वाले ग्राहक पर दूसरा प्रोसेसिंग शुल्क लगाना अनुचित है।

नियामक ने परिचालकों से यह भी कहा कि शुल्क से संबंधित जानकारियाँ अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी मुहैया कराई जाएँ क्योंकि परिचालक अब उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रवेश करेंगे, जहाँ स्थानीय भाषा संचार का माध्यम है।

नियामक ने यह भी कहा कि लाइफटाइम योजना के मौजूदा ग्राहक अब अपेक्षाकृत कम प्रवेश शुल्क पर बिना अतिरिक्त भुगतान और रीचार्ज की नई लाइफटाइम योजना ले सकते हैं।

ट्राई ने कहा यदि ग्राहकों के पास एक मौजूदा लाइफटाइम वैलिडिटी योजना या असीमित वैलिडिटी योजना है और वे यदि नई लाइफटाइम वैलिडिटी योजना कम शुल्क के साथ लेना चाहते हैं, ऐसी स्थिति में सेवा प्रदाता को ऐसे बदलाव की मंजूरी देने के लिए कोई अन्य भुगतान या शुल्क नहीं लेना चाहिए।

ग्राहकों के पक्ष में एक अन्य पहल करते हुए ट्राई ने कहा कि सामान्य प्रकृति की शुल्क कटौती बिना किसी शर्त के सभी ग्राहकों मुहैया करानी चाहिए। कभी-कभी परिचालक अपने ग्राहकों को हाल में घोषित शुल्क कटौती की सुविधा प्राप्त करने के लिए एसएमएस भेजने या खुद को पंजीकृत कराने के लिए कहते हैं।

अब नहीं बदलेगा नंबर : ट्राई ने ऐसे किसी भी घोषित या प्रचारित कमतर शुल्क को लागू करने की मंजूरी नहीं दी और कहा कि सीधे तौर पर शुल्क में कटौती के मामले में जहाँ परिचालक की घोषित मंशा बिना किसी जिम्मेदारी के लिए सभी ग्राहकों को फायदा देने की है, ऐसी स्थिति में ग्राहकों पर किसी विशिष्ट सकारात्मक कार्रवाई की पूर्व शर्त नहीं होनी चाहिए।

ट्राई ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि ग्राहक योजना में बदलाव करना चाहता है या पोस्ट पेड से प्री-पेड करवाना चाहता है या फिर इसका उलट करना चाहता है तो ग्राहक के सामने नया नंबर या नया सिम कार्ड लेने के दबाव जैसी कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।

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