आम बजट, इनवेस्टमेंट करने वालों को राहत

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013 (14:29 IST)
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को आम बजट पेश किया इस दौरान उन्होंने बाजार के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं।

उन्होंने सिक्युरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) घटाने और राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम (RGESS) में इन्वेस्टमेंट के लिए इनकम लिमिट बढ़ाने के साथ ही वित्त मंत्री ने टैक्स फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड की घोषणा की।

RGESS में इन्वेस्ट के लिए इनकम लिमिट बढ़ा दी है और अब इसमें 12 लाख रुपए तक की इनकम वाले लोग इन्वेस्ट कर सकेंगे।

पहले यह योजना 10 लाख रुपए सालाना की आय तक सीमित थी। आरजीएसएस में निवेश करने वाले लोग टैक्स छूट का फायदा अब लगातार 3 साल तक उठा सकते हैं। पहले टैक्स छूट केवल 1 साल तक ही मिलने का प्रावधान था। म्यूचुअल फंड्स और लिस्टेड शेयर्स में पहली बार निवेश करने वाले लोगों को टैक्स छूट देने के लिए इस योजना का ऐलान पिछले बजट में ही किया गया था, लेकिन इसे पिछले महीने ही शुरू किया गया।

50 हजार करोड़ के टैक्स फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड चिदंबरम ने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को काफी अहमियत दी। वित्तमंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड को बढ़ावा दिया जाएगा।

चिदंबरम ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के टैक्स फ्री बॉन्ड की घोषणा की। इकनॉमिक टाइम्स की ऐनालिस्ट हेमा रामकृष्णन का कहना है कि वित्त मंत्री के इस कदम से पता चलता है कि यूपीए एग्जेंप्शंस खत्म करने के मूड में नहीं है, भले ही सरकार का खजाना खाली हो जाए।

क्रेडिट गारंटी फंड चिदंबरम ने बजट में फैक्ट्रियों के लिए 100 करोड़ रुपए का क्रेडिट गारंटी फंड का ऐलान किया।

सेबी ऐक्ट में बदलाव सेबी (सिक्युरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ऐक्ट में बदलाव किया जाएगा। सेबी एफआईआई (फॉरन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टमेंट) कैटिगरीज़ को एक कर सकेगा। एफआईआई को करंसी डेरिवेटिव्स में शामिल होने की छूट मिलेगी।

एफआईआई और एफडीआई (फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) शेयर होल्डिंग्स पर आधारित होंगी। 10 फीसदी से कम स्टेक को एफआईआई माना जाएगा। यह उनके लिए है, जो एफआईआई के जरिए अपना निवेश जाहिर न करना चाहते हों।

पेंशन-प्रविडेंट फंड्स को दी आजादी पेंशन और प्रविडेंट फंड्स एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स में निवेश कर सकेंगे। इससे पेंशन और प्रविडेंट फंड में ज्यादा रिटर्न की गुंजाइश है। म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स को स्टॉक एक्सचेंज का मेंबर बनने की इजाजत दी गई है।

कमोडिटी लेन-देन टैक्स गैर कृषि वस्तुओं के डेरिवेटिव कारोबार पर कमोडिटी लेन-देन टैक्स लगाया गया है। इससे कमोडिटी मार्केट खुश नहीं होगा। बजट में इक्विटी फ्यूचर्स पर सिक्युरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को 0.01 फीसदी घटाया गया है। (एजेंसी)

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