उद्योग जगत में अंतर-मंथन

सोमवार, 12 जनवरी 2009 (10:50 IST)
देश की चौथी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज के खातों में अरबों रुपए के घोटाले के खुलासे के बाद अपनी साख पर बट्टा लगने से आहत भारतीय उद्योग जगत ने अपनी कमियों को दूर करने और खातों की गड़बड़ियों को रोकने के उपायों पर गौर करना शुरू कर दिया है।

भारतीय उद्योग जगत ने सत्यम कम्प्यूटर की गड़बड़ियों से सबक लेते हुए अब से खातों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए 'आंतरिक नियंत्रण उपाय' करने की ठानी है ताकि धोखाधड़ी और गड़बड़ियों को बड़ी खामी बनने से पहले ही समाप्त किया जा सके। ज्यादातर उद्यमियों का मानना है कि इस प्रकार की आंतरिक व्यवस्था कायम करने के लिए जरूरी प्रशिक्षण और अनुभव की भी जरूरत होगी।

देश के शीर्ष वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) ने सत्यम कम्प्यूटर्स के खुलासे के तुरंत बाद अपने साथ जुड़े 400 से अधिक उद्यमियों से इस संबंध में उनकी प्रतिक्रिया जानी। इनमें से 80 प्रतिशत उद्यमियों ने कंपनी के भीतर ही खातों की हेराफेरी और धोखाधड़ी को रोकने की पुख्ता व्यवस्था कायम किए जाने पर जोर दिया। इनमें से कइयों ने तो यह भी कहा कि वह जल्द ही यह व्यवस्था बनाने जा रहे हैं।

एसोचैम ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक बहुआयामी रणनीति का खाका तैयार किया है जिसमें बड़ी कंपनियों के प्रबंधन को इस तरह की धोखाधड़ी के प्रति अधिक सतर्क रहने की हिदायत भी शामिल है।

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