एफबीटी हटाने का स्वागत, मैट पर अफसोस

सोमवार, 6 जुलाई 2009 (17:53 IST)
भारतीय उद्योग जगत ने आर्थिक वृद्धि दर को 9 फीसद की दर पर वापस लाने और साहसी कर सुधार के संकेत का स्वागत किया है, लेकिन न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को बढ़ाने और प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) को जारी रखे से वह नाखुश भी है।

शीर्ष उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा कि वेतनेत्तर लाभ कर (एफबीटी) को खत्म किए जाने को लेकर पूरे उद्योग जगत की ओर से मैं बेहद खुश हूँ, लेकिन मैट को लेकर थोड़ी नाखुशी है।

गौरतलब है कि बजट में मैट दर को 10 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया गया है।

आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर ने कहा कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी का आर्थिक वृद्धि दर को 9 फीसद की दर पर वापस लाने का प्रयास सही दिशा में उठाया गया कदम है।

चंदा कोचर का मानना है कि एसटीटी के बारे में भी सरकार को ध्यान देना चाहिए था।

फोर्टिस के शिविन्दर मोहनसिंह ने कहा स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। हम स्वास्थ्य क्षेत्र संबंधी बुनियादी ढाँचे को मजबूती दिए जाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन इस बारे में बजट चुप है। इससे हम दुःखी हैं।

उद्योग जगत ने प्राकृतिक गैस उत्पादन पर 7 फीसद कर छूट बहाल किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे नेल्प-8 के लिए विदेशी बोलीदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

आरआईएल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (तेल और गैस) पीएमएस प्रसाद ने कहा यह कोई नया लाभ नहीं है। यह पहले से था। हम इस बारे में स्थिति स्पष्ट किए जाने से खुश हैं।

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