सरकार ने स्वीकार किया है कि देश में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी की संख्या बढ़ी है।
जद यू के एनके सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्नों के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा ने राज्यसभा को बताया कि ऐसे धोखाधड़ियों की संख्या वर्ष 2007 में 102 थी, जिसमें करीब 251.36 लाख रुपए की राशि शामिल थी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में ऐसे धोखाधड़ियों की संख्या 113 हो गई। वर्ष 2009 में यह संख्या बढ़कर 269 हो गई, जिसमें करीब 590.49 लाख रुपए की राशि शामिल थी।
वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने यह सूचित किया है कि बैंकों ने इस प्रकार की धोखाधड़ियों के जो मूल कारण बताए हैं उनमें ग्राहकों द्वारा पासवर्ड को गुप्त नहीं रख पाना एवं अन्य सुरक्षा उपायों को नहीं अपनाना शामिल है।
उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को इंटरनेट धोखाधड़ियों की रोकथाम करने के लिए विभिन्न कदम उठाने की सलाह दी है ताकि ऐसी धोखाधड़ियों पर प्रभावी अंकुश लग सकें। (भाषा)