मोटे अनाज तथा सब्जियों के महँगा होने के कारण 25 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 10.72 प्रतिशत हो गई। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति दर एक हफ्ते पहले 10.68 प्रतिशत थी। एक साल पहले की समान अवधि में यह दर 3.11 प्रतिशत थी।
पिछले लगातार पाँच हफ्तों के दौरान गिरावट का रुख दर्ज करने के बाद मुद्रास्फीति की दर में मामूली बढ़ोतरी का रुख दर्ज होने की वजह मक्खन जैसे विनिर्मित उत्पादों के दामों में तेजी आना है।
विनिर्मित वस्तुओं के समूह में गुड़ के दाम बढ़ गए, वहीं ऊनी कपड़ों की कीमत में एक फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा मोटरसाइकिल और ऑटोरिक्शा सहित ऑटोमोबाइल की कीमतों में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान बढ़ोतरी दर्ज की गई।
हालाँकि मसालों और सीमेंट की कीमतों में गिरावट का रुख दर्ज किया गया। इस्पात और ईंधन के दाम अपरिवर्तित रहे। तीस अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह के लिए संशोधित आँकड़ों के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर 12.38 फीसदी रही, जबकि बीते वर्ष की इसी अवधि में यह 12.10 फीसदी थी।