मुद्रास्फीति 6.6 प्रतिशत तक घटने का अनुमान

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013 (14:43 IST)
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नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के अंत यानी मार्च 2013 तक मुद्रास्फीति घटकर 6.2 से 6.6 प्रतिशत पर आ सकती है। जनवरी 2013 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर 6.62 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले 3 साल का निचला स्तर है।

लोकसभा में बुधवार को पेश वित्त वर्ष 2012-13 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वित्त वर्ष के पहले नौ माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर औसतन 7.55 प्रतिशत पर आ गई है। 2010-11 में यह औसत 9.56 प्रतिशत और 2011-12 में 8.94 प्रतिशत था।

समीक्षा कहती है कि मुद्रास्फीति में विभिन्न समूहों के योगदान का तुलनात्मक महत्व है। अंडा, मांस, मछली की लगातार बढ़ती कीमतें, अनाज और सब्जियों की महंगाई, उर्वरक की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के साथ डीजल के दाम बढ़ने से विभिन्न स्तरों पर मुद्रास्फीति बढ़ी है।

पिछले साल प्रोटीन वाली खाद्य सामग्रियों के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ी थी, इस साल यह दबाव अनाज की वजह से है। वहीं दूध और अन्य प्रोटीन वाले खाद्य पदाथरें की कीमतों में गिरावट का रुख दिख रहा है। (भाषा)

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