विप्रो को 2011 तक कोई प्रोजेक्ट नहीं

भारत की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो को विश्वबैंक से 2011 तक कोई नया प्रोजेक्ट नहीं मिलेगा।

इस आशय की जानकारी विप्रो ने सोमवार को दी। सूत्रों के अनुसार जून 2007 में विश्वबैंक और आईटी कंपनियों में ब्याजदर को लेकर मतभेद गहरा गए थे, जिसके बाद विश्वबैंक ने आईटी कंपनियों को सीधे तौर पर 2011 तक कोई प्रोजेक्ट नहीं देने की नीति पर अमल शुरू कर दिया।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास विश्वबैंक के कोई खास प्रोजेक्ट नहीं हैं और अगर आगे हमें उनकी तरफ से कोई प्रोजेक्ट नहीं भी मिलते हैं तो इसका कंपनी की आमदानी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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