संतुलित रुख अपनाएगा आरबीआई

मंगलवार, 13 अप्रैल 2010 (15:35 IST)
वित्त मंत्रालय को लगता है कि रिजर्व बैंक अपनी आगामी सालाना मौद्रिक एवं ऋण नीति में मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलित रुख अपनाएगा।

वित्त मंत्रालय में सचिव आर. गोपालन (वित्तीय मामले) ने आज यहाँ कहा कि रिजर्व बैंक के समक्ष महँगाई और आर्थिक वृद्धि दो बड़े मुद्दे हैं, ऐसे में उसे दोनों क्षेत्रों में संतुलित रुख अपनाना होगा।

हालाँकि उन्होंने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में स्थिति को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक क्या कदम उठाएगा, यह उसके विवेक और नीति निर्माताओं पर निर्भर करता है।

रिजर्व बैंक सालाना ऋण एवं मौद्रिक नीति 20 अप्रैल को पेश करने जा रहा है। बैंक उदार मौद्रिक नीति से वापस कदम खींचने की पहले ही शुरुआत कर चुका है। जनवरी में पेश तीसरी तिमाही की समीक्षा में बैंक ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि कर उसे 5.75 प्रतिशत कर दिया था।

उपभोक्ता वस्तुओं की महँगाई का आंकडा लगातार चढ़ने से सजग केन्द्रीय बैंक ने मार्च मध्य में अचानक बैंकों की अल्पकालिक ब्याज दरों में भी 0.25 प्रतिशत तक वृद्धि कर दी। रेपो दर इस वृद्धि के बाद 5 प्रतिशत और रिवर्स रेपो 3.50 प्रतिशत हो गई है।

बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक सालाना मौद्रिक नीति में रेपो, रिवर्स रेपो सहित सीआरआर में 0.25 से लेकर 0.50 प्रतिशत तक वृद्धि कर सकता है। (भाषा)

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