हमले ने उड़ाई निवेशकों की नींद

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर एक बार फिर आतंकवाद ने कहर बरपाया। मुंबई में हुए ताजा और बिल्कुल नए अंदाज के फिदायीन हमले ने समूचे उद्योग जगत के साथ शेयर बाजार से जुड़े निवेशकों की नींद उड़ा दी है। गुरुवार को बीएसई-एनएसई बंद रहा। ऐसे में अब यह आशंका और प्रबल हो गई है कि वैश्विक आर्थिक संकट के कारण भारतीय शेयर बाजारों का जो बुरा हाल हुआ है, उसमें फिलहाल सुधार की जो भी उम्मीद थी, अब वह भी खत्म हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि पूर्व में देश में हुए आतंकवादी हमलों की तुलना में इस बार के हमले का असर ज्यादा दिखाई देने की आशंका है।

इस साल भारतीय शेयर बाजारों में 55 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। एशिया में खराब प्रदर्शन के मामले में भारतीय शेयर बाजार इस साल चौथे नंबर पर चल रहा है। जानकारों का कहना है कि मुंबई पर ताजा आतंकवादी हमले से शेयर बाजार की धारणा पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका है।

बाजार पर असर पड़ेगा : आजाद फाइनेंस के प्रमुख अमित आजाद कहते हैं कि इतना तो तय है कि बाजार पर इसका असर पड़ेगा ही। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो स्थिति है, उसमें शेयर बाजारों की हालत पहले ही काफी खराब है। उन्होंने कहा कि इस समय विदेशी निवेशक भारी मात्रा में शेयर बाजार से अपना निवेश निकाल रहे हैं। इस घटना के बाद इसमें और इजाफा हो सकता है। हालांकि, वह मानते हैं कि मुंबई इस तरह के हमले से उबरने की ताकत रखती है।

निचले स्तर पर खुल सकता है : केजरीवाल रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट के निदेशक अरुण केजरीवाल कहते हैं कि इससे अब बाजार निचले स्तर पर खुल सकता है। किंतु साथ ही उनका मानना है कि राष्ट्रीयता की भावना के चलते बाद में बाजार तेजी पकड़ेगा।

धारणा पर असर पड़ेगा : ग्लोबल रिसर्च फर्म मूडी इकनॉमी.कॉम ने कहा है कि आतंकवादी हमले से बाजार की धारणा पर तो असर पड़ेगा। किंतु इस बात की संभावना काफी कम है कि स्थानीय निवेशक घबराहटपूर्ण बिकवाली करें। सिंगापुर में क्रेडिट सुइस के एशिया के मुख्य अर्थशास्त्री जोसफ टैन ने कहा कि इससे बाजार के आत्मविश्वास पर और चोट लगेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इससे रुपया और कमजोर पड़ जाए।

वास्तविक आकलन शुक्रवार को : एक अन्य विश्लेषक का कहना है कि जब शेयर बाजार शुक्रवार को दोबारा खुलेंगे, तभी हमले के प्रभाव का वास्तविक आकलन किया जा सकेगा। मुंबई में ही भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय है। शेयर बाजार से जुड़े लोग उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्रीय बैंक शेयर बाजार के लिए अवश्य कुछ कदम उठाएगा। टॉरस म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक आर.के. गुप्ता ने कहा कि बाजार पर आतंकवादी हमले का मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव्स सौदे शुक्रवार को पूरे हो सकते हैं, जिसका बाजार पर सकारात्मक असर दिखाई दे सकता है।

54 हजार की बिकवाली : इस साल अब तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में 54,301.10 करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुके हैं। अकेले नवंबर में विदेशी निवेशकों द्वारा 2,162.30 करोड़ रुपए के शेयर बेचे गए हैं। ऐसे में शेयर बाजार के दोबारा खुलने के बाद सभी की निगाहें विदेशी निवेशकों पर भी रहेंगी। (नईदुनिया)

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