अडाणी ग्रुप की बड़ी डील, अंबुजा-ACC सीमेंट का कारोबार किया टेकओवर
सोमवार, 16 मई 2022 (00:04 IST)
नई दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी के समूह ने कहा कि उसने भारत में होलसिम लिमिटेड के कारोबार में 10.5 अरब डॉलर में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने का सौदा किया है जिससे समूह का सीमेंट क्षेत्र में प्रवेश होगा।
अडाणी समूह संबंधित संपत्तियों के साथ अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड का 63.1 प्रतिशत अधिग्रहण करेगा। अंबुजा की स्थानीय सहायक कंपनियों में एसीसी लिमिटेड भी शामिल है।
अडाणी समूह ने एक बयान में कहा कि अडाणी परिवार ने एक ऑफशोर स्पेशल पर्पस व्हीकल (सहायक कंपनी) के जरिए घोषणा की है कि उसने भारत की दो प्रमुख सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड में स्विट्जरलैंड स्थित होलसिम लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए निश्चित समझौते किए हैं।
अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से होलसिम की अंबुजा सीमेंट्स में 63.19 फीसदी और एसीसी में 54.53 फीसदी हिस्सेदारी है (जिसमें से 50.05 फीसदी अंबुजा सीमेंट्स के पास है)।
बयान में कहा गया कि अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के लिए होलसिम की हिस्सेदारी और खुली पेशकश पर विचार का मूल्य 10.5 अरब डॉलर है, जो इसे अडाणी समूह द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण बनाता है और बुनियादी ढांचे और सामग्री के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा विलय और अधिग्रहण लेनदेन है।
होलसिम ने एक बयान में कहा कि अंबुजा सीमेंट के लिए शेयर कीमत 385 रुपये और एसीसी के लिए शेयर कीमत 2,300 रुपये की इसी पेशकश की कीमत होलसिम के लिए 6.4 अरब सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) की नकद आय में तब्दील हो जाती है।
अडाणी समूह ने पिछले कुछ वर्षों में बंदरगाहों, बिजली संयंत्रों और कोयला खदानों के अपने मुख्य व्यवसाय से अलग हवाई अड्डों, डेटा केंद्रों और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में प्रवेश कर विविधता लाई है।
समूह ने पिछले साल सीमेंट क्षेत्र में दो सहायक कंपनियों अडाणी सीमेंटेशन लिमिटेड और अडाणी सीमेंट लिमिटेड की स्थापना की थी। अडाणी सीमेंटेशन लिमिटेड गुजरात के दहेज और महाराष्ट्र के रायगढ़ में दो सीमेंट इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रही है।
दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता होलसिम ने पिछले महीने यहां लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद देश से बाहर निकलने की घोषणा की थी। दो सूचीबद्ध कंपनियों एसीसी और अंबुजा के माध्यम से कंपनी के पास 6.6 करोड़ टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता (एमटीपीए) है।