उन्होंने कहा कि इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए तथा नए कर्ज वितरण की गुंजाइश बनाते हुए बैंकों को पूंजी संरक्षण में मदद करने के लिए एक समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि वाणिज्यक व सहकारी बैंक वित्त वर्ष 2019-20 के लिये लाभ अपने पास ही रखेंगे और वे किसी प्रकार का लाभांश नहीं देंगे। इस बारे में दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।
दास ने कहा, 'वित्तीय प्रणाली में एनबीएफसी के बढ़ते महत्व तथा विभिन्न अन्य क्षेत्रों के साथ इसके अंतर्संबंध को देखते हुए एनबीएफसी के द्वारा लाभांश वितरण को लेकर दिशानिर्देश निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।' (भाषा)