-आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्यों ने मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में निर्णय किया। रेपो दर 4 प्रतिशत पर बरकरार है, वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
-अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार दिख रहा है और क्षेत्र भी सुधार की राह पर लौट रहे हैं।
-चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में दिखे आर्थिक पुनरूद्धार के शुरुआती संकेत। हम सुनिश्चित करेंगे कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी उपलब्ध हो, जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाएंगे।
-चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान।
-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति तीसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत, चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।