एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, बैंकिंग क्षेत्र के लिए मैं इसे सकारात्मक मानूंगा क्योंकि बड़ी मात्रा में धन औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में आया। कासा (चालू खाता, बचत खाता) जमाओं में कम से कम 2.50-3.00 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो कि अपने आप में बड़ा अच्छा नतीजा है।
कोचर ने कहा, नोटबंदी के बाद तेजी से डिजिटलीकरण को अपनाया गया। भविष्य में भी, डिजिटलीकरण के प्रति संपूर्ण रुख जारी रहेगा। कोचर ने कहा कि वित्तीय बचत को औपचारिक रूप से मिलने से बैंकों व अन्य स्थानों की छोटे ग्राहकों तक पहुंचने की क्षमता बढ़ेगी।
उसके बाद से ही केंद्र सरकार डिजिटल भुगतान व लेनदेन को बढ़ावा दे रही है, ताकि देश कम नकदी चलन वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सके। यह अलग बात है कि विपक्षी दलों ने नोटबंदी की आलोचना की है और उनकी आठ नवंबर को देशभर में ‘काला दिवस’ मनाने की योजना है। (भाषा)