कपूर ने शुक्रवार रात कहा कि अगले 1 से 6 महीनों में भारत को इस असाधारण स्थिति से उल्लेखनीय फायदा हो सकता है, क्योंकि यूरो क्षेत्र में दिक्कतें होंगी, अमेरिकी ब्याज दर में बढ़ोतरी में देरी होगी और भारत रणनीतिक एवं वित्तीय निवेशकों के लिए अनिवार्य निवेश गंतव्य बनता जा रहा है। इसलिए भारत के लिए इस बुरी खबर में अच्छी खबर है।
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में शेष विश्व से वित्तीय संपर्क होने के मद्देनजर भारत में कुछ विपरीत असर हो सकता है, हालांकि मुझे उम्मीद है कि हमारे नीति-निर्माता जब उतार-चढ़ाव से निपटने के तरीकों का इस्तेमाल करेंगे तो स्थिति शांत हो जाएगी। (भाषा)