रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में 1 व्यक्ति सालाना औसतन 44 बोतल कोल्ड ड्रिंक पीता है, इसके 2021 तक बढ़कर 84 बोतल पर पहुंचे की संभावना है। वीबीएल ने 2018 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि शीतल पेय उद्योग में सभी श्रेणियों खासकर ज्यूस और बोतलबंद पानी में व्यापक वृद्धि होगी।
ज्यूस और बोतलबंद पानी की कम पहुंच, मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या बढ़ाने, किफायती और शहरीकरण के बढ़ने और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे कारक सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग की वृद्धि में अहम होंगे। वीबीएल ने कहा कि कार्बोनेट्स ड्रिंक के अंदर गैरकोला कॉर्बोनेट्स विशेषकर लेमन आधारित ड्रिंक के ज्यादा तेजी से बढ़ने के आसार हैं। भारत में पेप्सिको की बिक्री में कॉर्बोनेट बेवरेज की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी ने कहा कि लोगों के बीच पानी से होने वाली बीमारियों को लेकर जागरूकता आने और शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी की किल्लत होने से बोतल बंद पानी में मजबूत वृद्धि के संकेत हैं। वीबीएल ने कहा कि भारत में 2016 में सॉफ्ट ड्रिंक की प्रति व्यक्ति खपत 44 बोतल थी। यह अमेरिका जैसे बाजारों की तुलना में काफी कम है।
अमेरिका में प्रति व्यक्ति खपत 1,496 बोतल है, वहीं मेक्सिको में प्रति व्यक्ति खपत 1,489 बोतल, जर्मनी में 1,221 बोतल और ब्राजील जैसे विकासशील देश में खपत 537 बोतल है। शीतल पेय की कम पहुंच की दिक्कत सही होने से 2021 तक प्रति व्यक्ति खपत दोगुनी होकर 84 बोलत पर पहुंचने की उम्मीद है।