Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar News : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी त्रुटियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दल आयोग के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मतदाता सूची में अनियमितताओं के अपने आरोपों पर 7 दिन के भीतर शपथ पत्र देना चाहिए अन्यथा उनके वोट चोरी के दावे निराधार और अमान्य माने जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता नहीं है और शिकायत दर्ज कराना चाहता है तो वह केवल शपथ लेकर गवाह के रूप में ही ऐसा कर सकता है। निर्वाचन आयोग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने वोट-चोरी के खिलाफ चुनावी राज्य बिहार में वोटर अधिकार यात्रा शुरू की।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने संबोधित करते हुए दोहरे मतदान और वोट चोरी के आरोपों को निराधार करार दिया तथा कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से एसआईआर को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। विपक्ष द्वारा बिहार में एसआईआर के समय पर सवाल उठाए जाने पर कुमार ने कहा कि यह एक मिथक है कि एसआईआर जल्दबाजी में किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची को सही करना निर्वाचन आयोग का कानूनी कर्तव्य है।
उन्होंने कहा, यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। निर्वाचन आयोग सभी राजनीतिक दलों से बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने का आग्रह करता है... अभी 15 दिन बाकी हैं।
कुमार ने कहा, निर्वाचन आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं तथा बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शी तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं। कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता तथा सत्तारूढ़ और विपक्षी दल, दोनों ही चुनाव प्राधिकार के लिए समान हैं।
उन्होंने कहा, अगर चुनाव याचिकाएं 45 दिन के भीतर दायर नहीं की जातीं, लेकिन वोट चोरी के आरोप लगाए जाते हैं, तो यह भारतीय संविधान का अपमान है। कुमार ने कहा कि न तो आयोग और न ही मतदाता दोहरे मतदान और वोट चोरी के निराधार आरोपों से डरते हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग कुछ लोगों द्वारा खेली जा रही राजनीति की परवाह किए बिना सभी वर्गों के मतदाताओं के प्रति दृढ़ रहेगा। उन्होंने सवाल किया, चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं। क्या इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में वोट चोरी हो सकती है?
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कांग्रेस द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों के बाद अपना हमला तेज कर दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि बिहार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए चुनाव चोरी करने की साजिश की जा रही है, लेकिन विपक्ष ऐसा नहीं होने देगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बिहार के सासाराम से वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत से पहले आयोजित सभा में यह दावा भी किया कि अब सबको पता चल गया है कि पूरे देश में वोट की चोरी की जा रही हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कई दलों की शिकायतों और देश के भीतर मतदाताओं के प्रवास के मद्देनजर नवीनतम एसआईआर आवश्यक हो गया था।
उन्होंने कहा, जाने-अनजाने में, प्रवास और अन्य समस्याओं के कारण कुछ लोगों के पास कई मतदाता पहचान पत्र हो गए... यह एक मिथक है कि एसआईआर जल्दबाजी में किया गया है। हर चुनाव से पहले मतदाता सूचियों में सुधार करना निर्वाचन आयोग का कानूनी कर्तव्य है।
(इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour