ई-वाणिज्य कंपनियों को विक्रेताओं के कारोबार की पहचान, वैध नाम, भौगोलिक पता, वेबसाइट का नाम, उनके द्वारा बेचे जाने वाले उत्पाद और उनसे उपभोक्ता कैसे संपर्क करें समेत सारी जानकारियां मुहैया करानी होंगी। मसौदे के अनुसार ई-वाणिज्य कंपनियों को उपभोक्ताओं के निजी आंकड़ों व सूचनाओं को संरक्षित रखना होगा।
ई-वाणिज्य कंपनियों को देर से डिलीवरी होने, उत्पाद में खराबी होने, नकली उत्पाद होने या गलत उत्पाद की स्थिति में सामान को वापस लेना होगा। उन्हें अधिकतम 14 दिनों के भीतर उपभोक्ताओं को रिफंड करना होगा। खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट ने प्रस्तावित मसौदे का स्वागत किया। उसने कहा कि ये नियम ई-वाणिज्य कंपनियों को अधिक पारदर्शिता अपनाने तथा उपभोक्ताओं के प्रति जवाबदेह होने पर बाध्य करेंगे।