उन्होंने कहा कि बिजली से चलने वाले वाहनों एवं हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण में इस्तेमाल आने वाले विशेष सामानों पर रियायती छह प्रतिशत के उत्पादन शुल्क का और एक साल के लिए विस्तार किया जा रहा है, जो वर्तमान में इस मार्च तक ही उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त कंपनियों के लिए यह एक संजीवनी की तरह है। इन कंपनियों ने पर्यावरण अनुकूल वाहनों में काफी निवेश किया है, लेकिन सरकार की ओर से समर्थन की कमी के चलते ये भारी संकट का सामना कर रही थीं। (भाषा)