नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद गुरुवार को दोनों कीमती धातुओं में आई बड़ी गिरावट तथा स्थानीय स्तर पर सुस्त मांग के कारण शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड 500 रुपए लुढ़ककर लगभग साढ़े 10 महीने के निचले स्तर 27,750 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। चांदी भी 1,350 रुपए का गोता लगाकर 6 महीने से ज्यादा के निचले स्तर 39,600 रुपए प्रति 10 ग्राम पर रही।
फेडरल रिजर्व की बुधवार को समाप्त 2 दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में प्रमुख ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत का इजाफा करने की घोषणा की गई। इसके बाद गुरुवार को विदेशी बाजारों में सोने-चांदी में भारी गिरावट देखी गई जिसका असर शुक्रवार को बाजार खुलते ही स्थानीय स्तर पर दिखा।
लंदन तथा न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना हाजिर गुरुवार को 2 फरवरी के बाद के निचले स्तर तक लुढ़क गया था, हालांकि शुक्रवार को इसमें कुछ सुधार हुआ और यह 5.05 डॉलर चमककर 1,132.30 डॉलर प्रति औंस बोला गया। अमेरिकी सोना वायदा शुक्रवार को कारोबार के दौरान 5.40 डॉलर की तेजी के साथ 1,140.50 डॉलर प्रति औंस पर रहा। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि फेड के ब्याज दर बढ़ाने तथा इसके परिणाम स्वरूप डॉलर के मजबूत होने से पीली धातु दबाव में आई है।
इस बीच लंदन में शुक्रवार को चांदी हाजिर 0.06 डॉलर की तेजी के साथ 16.03 डॉलर प्रति औंस बोली गई। स्थानीय बाजार में सोने में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही। 2 दिन में यह 700 रुपए गिर चुका है। सोना स्टैंडर्ड शुक्रवार को 500 रुपए टूटकर 6 फरवरी के बाद के निचले स्तर 27,750 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। सोना बिटुर भी इतना ही कमजोर पड़कर 27,600 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव बोला गया, हालांकि 8 ग्राम वाली गिन्नी गत दिवस के 24,000 रुपए पर टिकी रही।
चांदी लगातार तीसरे दिन टूटी है। चांदी हाजिर इन 3 दिनों में 1,895 रुपए लुढ़क चुकी है। शुक्रवार को यह 1,350 रुपए फिसलकर 8 जून के बाद के निचले स्तर 39,600 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई। चांदी वायदा भी 1,365 रुपए उतरकर 39,610 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। सिक्कों में भी गिरावट रही। सिक्का लिवाली और बिकवाली के भाव 1-1 हजार रुपए घटकर क्रमश: 71 हजार तथा 72 हजार रुपए प्रति सैकड़ा पर रहे।
कारोबारियों ने बताया कि स्थानीय बाजार में सोने की मांग बेहद कम है। नोटबंदी के कारण खरीददार नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कम उठाव के बीच वैश्विक दबाव में पीली धातु में बड़ी गिरावट देखी गई है। चांदी की औद्योगिक मांग भी कमजोर रही। (वार्ता)