माना जा रहा है कि इसमें ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है। पिछली बार दिसंबर 2015 की बैठक में 10 साल के अंतराल के बाद ब्याज दर बढ़ाई गई थी। हालांकि, उसके बाद से अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसलिए दिसंबर में इसकी संभावना ज्यादा है।
विश्लेषकों का मानना है कि फेड के बयान से पहले अगले सप्ताह बाजार में कोई ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा जाएगा। नवंबर में ही पीली धातु काफी चमक खो चुकी है तथा कुछ कारोबारियों का मानना है कि अब दरों में वृद्धि से भी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि दरें नहीं बढ़ती हैं तो निश्चित रूप से सोने में बड़ा उछाल देखा जा सकता है। (वार्ता)