राजस्व विभाग ने बैंकिंग, बीमा और शेयर ब्रोकर सेवाओं पर जीएसटी लागू होने के संबंध में ‘बार-बार उठने वाले प्रश्नों का निवारण (एफएक्यू)’ जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया है। विभाग ने कहा कि प्रतिभूतिकरण, डेरिवेटिव्स और वायदा सौदों से जुड़े लेन-देन को भी जीएसटी दायरे से बाहर रखा गया है।
वित्तीय सेवा विभाग ने पिछले महीने इस संबंध में राजस्व विभाग से संपर्क किया था। पीडब्ल्यूसी में पार्टनर एवं लीडर (अप्रत्यक्ष कर) प्रतीक जैन ने कहा कि एफएक्यू काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जीएसटी के दृष्टिकोण से वित्तीय सेवाओं को सबसे जटिल माना जाता है।