नई दिल्ली। कोरोना काल में एक ओर लोग आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं तो दूसरी तरफ महामारी का संकट भी दिखाई दे रहा है। इन मुश्किल हालात में लोगों की दुकानें और दफ्तर बंद हैं। करोड़ों लोग बेरोजगारी के संकट से गुजर रहे हैं। इस कठिन समय में मई के महीनों में लोगों को महंगाई में कुछ राहत मिलती दिखी। हालांकि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने लोगों की परेशानी बढ़ाने में कोई कौर कसर नहीं छोड़ी।
पेट्रोल डीजल में लगी आग : कोरोना काल में लगातार बढ़ रही पेट्रोल डीजल की कीमतों ने देशवासियों को हैरान कर दिया है। मई के बाद से देश में 17 बार दोनों उत्पादों के दाम बढ़े हैं, 12 दिन कीमतें स्थिर रहीं। इस दौरान पेट्रोल की कीमतों में 4.09 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ जबकि डीजल की कीमतों में 4.65 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ। मुंबई, ठाणे, श्रीगंगानगर, इंदौर, भोपाल समेत देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपए के पार पहुंच गया।
मई के आखिरी दिन स्थानीय बाजार में आवक कम रहने से सरसों तेल 147 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हुआ। मूंगफली तेल, सूरजमुखी तेल, पाम ऑयल और सोया तेल के भावों में कोई बदलाव नहीं हुआ। वनस्पति की ग्राहकी कम रहने से यह 72 रुपए प्रति क्विंटल सस्ता हो गया।
चना 4,550-4,650, दाल चना 5,650-5,750, मसूर काली 6,900-7,100, मूंग दाल 9000-9250, उड़द दाल 9,500-9,800, अरहर दाल 8,700-9,050 रुपए प्रति क्विंटल रही।