बीमा विधेयक पर शीतकालीन सत्र में होगा विचार

सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (20:06 IST)
नई दिल्ली। काफी समय से लंबित बीमा संशोधन विधेयक पर संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में चर्चा होने की उम्मीद है। इस विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 से बढा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है।
 
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा प्रवर समिति विधेयक पर विचार कर रही है। हम शीतकालीन सत्र में इसे लेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, सुधार से निजी बीमा कंपनियों में 25,000 करोड़ रुपए का विदेशी का विदेशी निवेश बढ़ेगा। इस पहल से बीमा कंपनियों को विदेशी भागीदार से बहुप्रतीक्षित पूंजी आकषिर्त करने में मदद मिलेगी।
 
जीवन और गैर जीवन बीमा खंड में करीब दो दर्जन निजी कंपिनयां काम कर रही हैं। बीमा कानून संशोधन विधेयक कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के विरोध के कारण अटका पड़ा है। विपक्ष ने पिछले सत्र में इस विधेयक को प्रवर समिति के समक्ष भेजने पर जोर दिया। उक्त विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिश्ता करने का प्रस्ताव किया गया है।
 
विपक्ष के दबाव में सरकार ने अगस्त में इस विवादास्पद बीमा विधेय को 15 सदस्यीय प्रवर समिति के पास भेज दिया। उम्मीद है कि समिति अपनी रिपोर्ट नवंबर के तीसरे सप्ताह में सौंप देगी।
 
एयर इंडिया को चालू वित्त वर्ष में केंद्र से मिलेगा 6,000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश विशाखापट्टनम। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को चालू वित्त वर्ष में बाद में 3,000 करोड़ रुपए का और पूंजी निवेश मिलेगा। संकटग्रस्त विमानन कंपनी को अगले वित्त वर्ष से परिचालन लाभ होने की उम्मीद है। नागर विमानन मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।
 
नागर विमानन मंत्रालय में सचिव वी सोमसुंदरम ने यह भी कहा कि चक्रवात प्रभावित विशाखापट्टनम में नया हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव नहीं है।
 
सोमसुंदरम ने  से कहा कि एयर इंडिया के लिए पुनरोद्धार योजना है। इसके अंतर्गत एयरलाइन में 6,000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी। मुझे लगता है कि इसमें से आधा निवेश किया जा चुका है। इस वित्त वर्ष के अंत तक एयरलाइन को 3,000 करोड़ रुपए की और पूंजी मिलेगी। एयर इंडिया पर भारी रिण का बोझ है। 
 
सरकार ने कंपनी के लिए 30,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एयर इंडिया के साथ समस्या यह है कि उसके पास कई ऐसे मार्ग हैं जो आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं हैं। पिछले दो से ढाई साल में इनमें काफी कमी की गई है। वे काफी हद तक घाटे को नीचे लाने में सफल हुए हैं। 2015 तक एयरलाइन के लाभ में पहुंच जाने की उम्मीद है।
 
एयर इंडिया हाल में वैश्विक एयरलाइंस समूह स्टार अलायंस की सदस्य बनी है। इससे विमानन कंपनी के यात्रियों को करीब 1,300 गंतव्यों के लिए रकावट रहित उड़ान की सुविधा मिल सकेगी। (भाषा) 

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