नई दिल्ली। देश में इन दिनों कई राज्यों से पेट्रोल और डीजल की किल्लत की खबरें आ रही हैं। हाईवे तक पर कई स्थानों पर पेट्रोल पंप सूखे पड़े हुए हैं। हालांकि इसके पीछे सप्लाई को मुख्य वजह माना जा रहा है। पेट्रोल-डीजल संकट की खबरों के बीच आपाधापी में कई स्थानों पर लंबी-लंबी कतारें भी देखी जा रही हैं। इस संकट की वजह देश में कोरोना महामारी के बाद बढ़ी औद्योगिक गतिविधियों को भी माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे हालात दुनियाभर में बन रहे हैं। हालांकि भारत में रिफाइनरी क्षमता से ज्यादा मांग हो जाने की वजह से परिस्थितियां बिगड़ गई हैं। यह भी कहा जा रहा है कि हालात इतनी जल्दी सामान्य नहीं होंगे। इसे 1 से 2 माह का समय लग सकता है। दूसरी ओर, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह किल्लत कृत्रिम है, इसकी आड़ में कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं।
मध्यप्रदेश का आष्टा के पास स्थित इंडियन ऑइल के एक पेट्रोल पंप संचालक ने बताया कि एचपी और भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल का संकट ज्यादा है। दरअसल, इसके पीछे सप्लाई बड़ी वजह है। जहां 4 टैंकर डीजल-पेट्रोल के आ रहे थे, वहां 1-2 ही पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में संकट बढ़ना स्वाभाविक है।
छतरपुर से राजेश चौरसिया ने बताया कि जिले में पेट्रोल और डीजल का कोई संकट नहीं है। चूंकि जिला यूपी सीमा से लगा हुआ है तो लोग राज्य की सीमा पार कर वहां से पेट्रोल भराकर आते हैं। दरअसल, यूपी में मध्यप्रदेश की तुलना में पेट्रोल सस्ता है। इसलिए कम रेट के चलते लोग यूपी में चले जाते हैं।
राजस्थान के नागौर से खेत सिंह राठौड़ ने बताया कि सभी जगह पेट्रोल-डीजल का संकट है, ऐसा नहीं है। हालांकि कहीं-कहीं से इस तरह जानकारी सामने आ रही है। हमें भी अभी तक तो पेट्रोल के लिए किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।