दाइवा इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च में एशियाई आर्थिक अनुसंधान के प्रमुख तकाशी कोदामा ने कहा कि भारत का बहुत कमजोर ढांचा वहां विनिर्माण और परिवहन लागत बढ़ा देता है। उन्होंने कहा कि जब तक आप उसे दुरुस्त नहीं करते, निवेश को लेकर विश्व से उम्मीद लगाई जा रही है, वह पूरी नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि खस्ताहाल सड़कों, सुस्त रेलवे और अन्य कमजोर ढांचागत सुविधाओं के अलावा जटिल स्थानीय नियम-कानून हैं जिनकी वजह से चीन से इतर दूसरी जगह अपना कारखाना लगाने की संभावना तलाश रही बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में निवेश से कतरा रही हैं। (भाषा)