ऐसे में जब अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ती है तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है, लेकिन कर नियमों के अनुसार रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है। ऐसे में सरकार ईंधन की कीमत के एक हिस्से को तो सब्सिडी के तौर पर दे सकती है लेकिन कर का भुगतान बाजार दर पर करना होता है। इसी के चलते रसोई गैस पर कर गणना का प्रभाव पड़ा है जिससे इसके दाम में वृद्धि हुई है।
दिल्ली में मंगलवार को मध्यरात्रि से सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम 498.02 रुपए हो जाएगा, जो अभी 496.26 रुपए प्रति सिलेंडर है। गौरतलब है कि सभी ग्राहकों को बाजार कीमत पर ही रसोई गैस सिलेंडर खरीदना होता है। हालांकि सरकार सालभर में 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है जिसमें सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में पहुंच जाती है।
इससे पहले रसोई गैस एक जुलाई को करीब पौने तीन रुपए महंगी हो गई थी। तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस की आधार कीमत में बदलाव करती हैं। वैश्विक कीमतों में वृद्धि का असर बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर पर भी पड़ा है। दिल्ली में इसकी कीमत 35.50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़कर 789.50 रुपए प्रति सिलेंडर हो गई है। जुलाई में इसकी कीमत में 55.50 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई थी। (भाषा)